सतीश गुजराल की जीवनी (satish gujral)

सतीश गुजराल (satish gujral)का जन्म

25 दिसंबर 1925 में झेलम (पंजाब) मैं हुआ था यह वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है  यह मूर्तिकार के साथ – साथ वास्तुकार, चित्रकार व लेखक भी थे

सतीश गुजराल (satish gujral)की शिक्षा

13 वर्ष की आयु में यह लाहौर चले गए यहां इन्होंने मेमो स्कूल ऑफ आर्ट्स में अन्य विषयों के साथ शिल्प और ग्राफिक डिजाइन के चित्र में अध्ययन किया 1944 ईसवी मैं आप सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स मुंबई में प्रवेश लिया लेकिन स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण अपना अध्ययन बीच में छोड़ दिया इंपीरियल सर्विस कॉलेज यूके मैं भी इन्होंने विधिवत रूप से अध्ययन किया भारत में प्रथम कोलाज कलाकार के रूप में भी यह जाने जाते हैं आपके बड़े भाई इंद्र कुमार गुजराल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे

पुरस्कार

सन 1999 ई. मैं भारत सरकार द्वारा पदम भूषण से सम्मानित किया गया एक दो बार चित्रकला के लिए वह एक बार मूर्तिकला के लिए कला का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला मेक्सिको का लियोनार्दो द विंची पुरस्कार से सम्मानित किया गया

मूर्तिकला का माध्यम

इन्होंने सिरेमिक, कास्ट, पाषाण धातु आदि माध्यमों में मूर्ति शिल्प की रचना की जली हुई लकड़ियां से भी इन्होंने मूर्ति शिल्प की रचना की

सतीश गुजराल (satish gujral)के प्रमुख मूर्ति शिल्प

स्ट्रीट सिंगिंग कपल, मानव मशीन और जानवर के शीर्षक हीन मूर्ति शिल्प प्रमुख है

स्ट्रीट सिंगिंग कपल – यह मूर्ति शिल्प कांस्य धातु का बना है इस मूर्ति शिल्प में स्त्री और पुरुष को नृत्य व गायन की मुद्रा में बनाया गया है स्त्री आकृति के हाथों में मंजीरे हैं जो बजाने की मुद्रा मैं है पुरुष आकृति के हाथ भी नृत्य मुद्रा में है

सतीश गुजराल

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