हुमायूँ के काल में मुगल चित्रकला-Mughal painting during Humayun’s period

                            हुमायूँ के काल में मुगल चित्रकला-Mughal painting during Humayun’s period

हुमायूँ के काल में मुगल चित्रकला- Humayun Period

हुमायूँ के काल में मुगल चित्रकला (1530-1556 ई.) बाबर की मृत्यु के पश्चात उसका उत्तराधिकारी बना। कला में रूचि पुश्तैनी रूप से मिली। यह भी पिता के समान ही विद्वान और एक उच्च स्तर का कलाकार था।

बचपन से ही उसे साहित्य, संगीत व कला के प्रति प्रेम था, परंतु बादशाह बनने के बाद वह राजनीति के चक्रव्यूह में फंस कर रह गया। उसने बहुत ही संघर्षमय जीवन व्यतीत किया। शेरशाह से पराजित होने के पूर्व दस वर्ष का समय भारत में व्ययतीत किया।

हुमायूँ ईरान के शासक ‘ शाह तहमास्म’ के पास शरणागत रहा। एक वर्ष ईरान में रहने के बाद जब काबुल  लौट रहा था तब तब्रेज़ में उसकी भेंट दो महान चित्रकार ‘ ख्वाजा अब्दुस्समद शीराजी’ तथा ‘ मीर सैय्यद अली’ से हुई।

ख्वाजा अब्दुस्समद पशु चित्रण में तथा मीर सैय्यद अली (जो ‘ जादूई’ उपनाम से कविता करता था) ग्राम्य चित्रण करने में निपुण थे। अब्दुस्समद को हुमायूँ ने ‘ शीरी कलम’ की उपाधि प्रदान की थी। दोनों कलाकारों ने काबुल में ही काम करना प्रारंभ कर दिया।

ऐसा ज्ञात है की बालक अकबर ने भी वहीं उनसे चित्रकारी सीखी। जब हुमायूँ दिल्ली में था तब उसने दोनों कलाकारों को आमंत्रित करके दरबारी चित्रकार नियुक्त किया। इन चित्रकारों के प्रयासों से ईरानी और भारतीय शैली का सम्मिश्रण हुआ

जिससे एक नयी चित्रशैली का जन्म हुआ। अकबर के गद्दी पर बैठने के बाद तक भी ये चित्रकार कार्य करते रहे। हुमायूं को चित्रकला में इतनी अधिक रूचि थी की वह युद्ध के समय भी अपने साथ सचित्र पुस्तकें व चित्रकारों को रखता था।

रास्ते में कोई दृश्य या जीव-जन्तु पसंद आने पर तुरंत ही चित्रकारों द्वारा चित्रण करवाता था एक बार जब वह खेमे में बैठा था तब एक सुन्दर कबूतर उसके पास आ गया। बादशाह ने उसके पंख काटवा दिए और चित्रकार द्वारा उसका चित्रण करवाने के बाद उसे मुक्त कर दिया।

‘ दास्तान-ए-अमीरहम्जा’ या ‘ हम्जानामा’ को हुमायूं के संरक्षण में ही चित्रित करना प्रारंभ कियाजो बाद में अकबर के काल तक पूर्ण किए गये। यह मुगल चित्रकला की पहली महत्वपूर्णकृति रही है। यह आंशिक पांडुलिपि के रूप में प्राप्त है।

इसके अलावा ‘ मासिर-उल-उमरा ‘ भी हुमायूं काल की सचित्र पुस्तक है। सूती वस्त्र पर ही बना हुमायूं के वंशजों का एक चित्र है जिसमें हुमायूं नीचे की ओर तथा वंशज उपर की ओर बैठे हैं।

ख्वाजा अब्दुस्समद द्वारा चित्रित एक अन्य चित्र में अकबर को बाल्य अवस्था में दिखाया है, वे पिता हुमायूं को एक चित्र भेंट कर रहे हैं। एक किले के पोथीखाने की सीढ़ियों में पैर फिसलने से 1556 ई. मेंआकस्मिक मृत्यु हो गई, जिस कारण वे कला क्षेत्र में किए प्रयासों को रूपायित करने में असफल रहे।

Humayun

हुमायूँ के काल में मुगल चित्रकला

बाबर के काल में मुगल चित्रकला

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