गोवर्धन लाल जोशी (Goverdhan Lal Joshi) का जन्म –
भीलो का चितेरा नाम से प्रसिद जोशी बाबा का जन्म 10 मार्च 1914 ईस्वी को कांकरोली उदयपुर में हुआ था गोवर्धन लाल जोशी बाबा नाथद्वारा की पिछवाई पेंटिंग से प्रभावित हुए और कला के प्रति आकर्षित हुए कला की उच्च शिक्षा हेतु यह सांतिनिकेतन चले गए और वहां की कला की बारीकियों को सीखा इनको घूम घूम कर चित्रण करना पसंद था तथा यह भीलो के जीवन से प्रभावित थे तथा इन्होंने इनके जीवन से संबंधित चित्र भी बनाएं इसलिए इनको भीलो का चितेरा भी कहां जाता है |
गोवर्धन लाल जोशी के मुख चित्र –
बंजारा, डांगिया लोहार, गणगौर की सवारी, पन्नाधाय, आदि प्रमुख चित्र है |