देवी प्रसाद रॉय चौधरी-Devi Prasad Roy Choudhury

देवी प्रसाद रॉय चौधरी (Devi Prasad Roy Choudhury)का जन्म

15 जून 1899 इसवी को तेज हट आधुनिक बांग्लादेश में हुआ था
कला शिक्षा – आप रविंद्र नाथ टैगोर के प्रमुख शिष्य में से एक थे मूर्तिकला के साथ 2 आप चित्रकला मैं भी निपुण थे आपने ओरिएंटल आर्ट स्कूल से शिक्षा ग्रहण की तथा यहीं पर शिक्षक के रूप में भी कार्य किया आपने मूर्तिकला का प्रारंभिक प्रशिक्षण हिरण यम राम चौधरी के निर्देशन में था आगामी प्रशिक्षण हेतु इटली गए जिसका प्रभाव आपकी मूर्ति शिलपो मैं आया 1928 ईस्वी में मद्रास गए तथा यहां के गवर्नमेंट स्कूल आप आर्ट्स में अध्ययन किया तथा प्राचार्य पद पर भी कार्य किया

देवी प्रसाद रॉय चौधरी (Devi Prasad Roy Choudhury )के प्रमुख पुरस्कार –

कला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने के लिए सन 1958 ई 0 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया आप राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे

देवी प्रसाद रॉय चौधरी(Devi Prasad Roy Choudhury ) के प्रमुख मूर्ति  शिल्प –

शहीद स्मारक (पटना) श्रम की विजय चेन्नई, व महात्मा गांधी (कासम) आदि प्रमुख मूर्ति शिल्प है

शहीद स्मारक – शहीद स्मारक देवी प्रसाद रॉय चौधरी (Devi Prasad Roy Choudhury )का प्रमुख मूर्तिशिल्प है| इस मूर्तिशिल्प की स्थापना 1956 ई 0 वी 0 मैं पटना सचिवालय के बाहर की गई इस मूर्ति की ढलाई  इटली में की गयी थी तत्पश्चात पटना में स्थापित किया गया इस संयोजन में 7 युवकों को दिखाया गया है जिन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के प्रयास में अपने प्राणों का बलिदान दिया
भारत छोड़ो आंदोलन (1942 ) के दौरान पटना में राष्ट्रीय ध्वज पर फहराने का प्रयास करने के कारण गिरफ्तार कर लिया था पटना सचिवालय राष्ट्रीय ध्वज फहराने के संकल्प  के साथ एक जुलूस आगे बड़ रहा था अंग्रेजों ने छात्रों को गोली मार दी इस घटना में 7 युवक शहीद व अनेक घायल हो गए इस मूर्ति शिल्प में देवी प्रसाद राय चौधरी (Devi Prasad Roy Choudhury) ने शहीद स्मारक के रूप में घटना को जीवंत किया शहीद स्मारक पर उन 7 साथ युवा शहीदों के नाम निम्नलिखित हैं
( 1) उमा प्रसाद सिन्हा
(2) रामानंद सिंह
( 3) देवी प्रसाद चौधरी
(4) रामा गोविंद सिंह
( 5) राजेंद्र सिंह
(6) सतीश प्रसाद आदि
इस संयोजन  में प्रथम युवकों को राष्ट्रीय ध्वज दिए हुए आगे की और दिखाया है एक  युवकों को घायल अवस्था में गिरते हुए दिखाया गया है अन्य युवक सीना तान कर आगे की ओर बढ़ रहे हैं चेहरे के भाव देशभक्ति से ओत -प्रोत हैं

श्रम की विजय – इस मूर्ति शिल्प की रचना देवी प्रसाद रॉय चौधरी (Devi Prasad Roy Choudhury) 1959 ई  मैं चेन्नई में समुद्र के किनारे की गई इस स्थान  के निकट देश का प्रथम श्रमिक दिवस मनाया गया था इस संयोजन में 4 व्यक्तियों द्वारा एक चट्टान को बलपूर्वक’ लुढ़का ने मैं होने वाले कठिन परिश्रम के दौरान होने वाली सरार एक मुद्राओं व श्रमिक लकड़ी के कुंदे द्वारा विशाल चट्टान को हटाने के लिए पारंगत है इसमें शक्ति व गति को को प्रदर्शित किया गया है

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