मोहम्मद अब्दुल रहमान(mohammed abdul rahman)
मोहम्मद अब्दुल रहमान(mohammed abdul rahman) –एम. ए. रहमान चुगताई के चित्र-इनका पूरानाम मोहम्मद अब्दुल रहमान चुगताई था। यह अवनीन्द्रनाथ ठाकुर के शिष्य थे।
इन्होंने अपनी कला में भारतीय तथा फारसी तत्वों का सुंदर समन्वय किया था। चुगताई के चित्र सौन्दर्यपूर्ण तथा भावात्मकता से परिपूर्ण चित्रित किये गए हैं।
इनके चित्रों में पशु चित्र, मुद्रायें तथा पृष्ठभूमि की चित्रण शैली को कुछ विद्वान पर्सियन मुगल मानते हैं तथा कुछ विद्वान ईरानी मुगल कला कहते हैं।
उनके चित्रों की विशेष शैली उनके चित्रों में स्पष्ट दिखाई देती है। चित्र में आकर्षक,रंग संयोजन, प्राकृतिक सौन्दर्य, सजीव आकृतियाँ छाया-प्रकाश, लयात्मक गतिपूर्णता तथा बारीक सूक्ष्म रेखांकन, आकर्षक मुखमुद्रा, हस्त मुद्राएँ, आभूषणों का सुन्दर चित्रण किया गया है।
‘ विश्वामित्र’ नामक चित्र में राम व लक्ष्मण के मुख तथा केश सज्जा में जापानी प्रभाव दिखाई देता है। चित्र की पृष्ठभूमि में चित्रित वृक्ष में मुगल शैली का प्रभाव दिखाई पड़ता है।
कुछ चित्रों में अजंता की झलक तथा आकृति में पैरों की लम्बाई अधिक चित्रित की गयी है। इन चित्रों में बंशी के साथ कृष्ण, ऊषा, द्रोपदी एवं पाण्डव, चैतन्य की पत्नी तथा अर्जुन को निर्देश देते कृष्ण आदि के चित्र प्रमुख हैं। इन चित्रों की रंग योजना अति उत्तम है।
उनके चित्रों में पद्म पुष्पों का अधिक चित्रण किया गया है। ये गुलाबी रंग में चित्रित किये गए हैं। चुगताई का ‘ राधिका ‘नामक चित्र श्रेष्ठ चित्र माना जाता है।
इसमें रेखाओं में लयात्मकता तथा गत्यात्मकता के साथ-साथ रंगों की कोमलता प्रभाव युक्त है। राधिका की भावभंगिमा आकर्षक है। यह बंगाल शैली का एक उत्तम चित्र है। कलात्मक गुणों, सौन्दर्य, रंग संयोजन की दृष्टि से होली स्नान के पश्चात् देवदासी, चित्रलेखा चित्र विशेष उल्लेखनीय हैं। चुगताई के उत्तरार्द्धकालीन चित्र