भूरसिंह शेखावत का जीवन परिचय(bhur singh shekhawat)
भूरसिंह शेखावत राजस्थान के एक यथार्थवादी चित्रकार थे। इन्होंने बिड़ला शिक्षण संस्थान, पिलानी में शिक्षण कार्य करते हुए अनेक विषयों पर चित्रण किया। साथ ही राजस्थान की संस्कृति व सामान्य जन-जीवन की झलक भी इनके चित्रों में स्पष्टतः देखी जा सकती है। इनकी टेम्परा विधि में अधिक रुचि थी।
चित्रों में ग्रामीण जीवन को कुशलतापूर्वक चित्रित किया गया है। चित्रों में रोचकता तथा सजीवता दृष्टिगोचर होती है। ग्रामीण दृश्यों के चित्रों में प्राय: चक्की चलाते, सूत कातते, आरा मशीन चलाते, पानी भरते, खाना बनाते, हाट बाजार, कृषक दम्पत्ति, जुलाहा, गणगौर पूजा, मंगल कामना, गाड़िया लुहार, गोधूलि, दो दोस्त, ऊँट जुगाली करते, विगत युग के कर्णधार तथा विश्राम करते आदि चित्र प्रमुख हैं।
महात्मा गाँधी के साथ प्रवास के समय उनक जीवन के अनेक प्रसंगों को इन्होंने अपने चित्रों में उकेरा। ये अपने विषय में एक ना पारंगत कलाकार थे। इनका मानना था कि कला का क्षेत्र बहुत विशाल है। इसको किसी सीमा। रेखा में नहीं बाँधा जा सकता। जितना महत्त्व जीवन के आनन्दपूर्ण क्षण का है, उतना ही महत्त्व दुखपूर्ण वेदना का भी है।