देवकीनन्दन शर्मा

देवकीनन्दन शर्मा (devkinandan sharma) -की चित्रण कला-देवकीनन्दनशर्मा राजस्थान के कला जगत में जाना-पहचाना नाम है।इन्होंने तार्किक परिप्रेक्ष्य एवं पशु-पक्षियों के विविध रूपों से परिपूर्ण चित्रण के कारण कला जगत में अपनी एक विशिष्ट पहचान स्थापित की। इन्होंने शांति निकेतन में नन्दलाल बोस, विनोद बिहारी मुखर्जी जैसे चित्रकारों के सान्निध्य व निर्देशन में फ्रेस्को तकनीक की बारीकियों को सीखा। देवकीनन्दन शर्मा ने परम्परागत सांस्कृतिक विषयों को अपने चित्रों में उतारा। इनके ग्वाल कृष्ण, बैलगाड़ी की यात्रा, जुब्बेनिसा, स्नान, ढोला-मारू, गिरगिट, कबूतर, मोर तथा कौए आदि विख्यात चित्र हैं। पक्षी चित्रण में मोर की विभिन्न मुद्राओं, रूप व भावों को विशिष्ट कौशल के साथ अंकित किया गया है। इसी कारण इनको ‘मोर का चितेरा’ नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने वनस्थली विद्यापीठ में कला शिक्षक के रूप में भी
कार्य किया।