मुगल चित्र शैली(mughal style painting)-मुगल चित्र शैली प्रथम शासक बाबर के काल से प्रारंभ हुई, हुमायुं के काल में इसका बीज रोपा गया, अकबर के समय में यह विकास की ओर अग्रसर होती हुई फली-फूली और जहाँगीर के राज्यकाल तक यह अपनी चरम सीमा तक पहुंच गई, परंतु शाहजहाँ के समय तक चित्रशैली का हास होने लगा जो की औरंगजेब के शासन में पूर्णतः समाप्त हो गई। ReadMore……..
बाबर के काल में मुगल चित्रकला(Mughal painting during Babur’s era)-बाबर (1526-1530 ई.) मुगल सल्तनत का प्रथम सम्राट तथा संस्थापक था। उसका जन्म 14 फरवरी 1483 ई. को तुर्क वंश में हुआ। बाबर का पूरा नाम ‘ जहिर-उद्दीन मोहम्मद’ था। मंगोल व तुर्क माता-पिता की संतान होने के कारण उसमें दोनों रक्त प्रवाहित थे। वह साहित्य, कला एवं काव्य का चितेरा था। ReadMore……..
हुमायूँ के काल में मुगल चित्रकला (1530-1556 ई.) बाबर की मृत्यु के पश्चात उसका उत्तराधिकारी बना। कला में रूचि पुश्तैनी रूप से मिली। यह भी पिता के समान ही विद्वान और एक उच्च स्तर का कलाकार था। बचपन से ही उसे साहित्य, संगीत व कला के प्रति प्रेम था, परंतु बादशाह बनने के बाद वह राजनीति के चक्रव्यूह में फंस कर रह गया।ReadMore……..
अकबर के काल में मुगल चित्रकला-Mughal painting during Akbar’s time-अकबर (1556-1605 ई.) का जन्म 15अक्टूबर 1542 ई. को हुआ। वह’ हमीदा बानू बेगम ‘के गर्भ से अमरकोट के राणा’ वीरसाल ‘ के महल में पैदा हुआ। अकबर को हुमायूं की आकस्मिक मृत्यु हो जाने के कारण मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही सिंहासनारूढ़ होना पड़ा था। अकबर बचपन में ‘ बदरूद्दीन ‘ नाम से जाना जाता था। पिता हुमायूँ ने’ जलालुद्द मुहम्मद अकबर ‘ नाम रख दिया था। भारत के इतिहास में अकबर का नाम सर्वप्रसिद्ध रहा है। उसने संपूर्ण भारत को एक साम्राज्य के अन्तर्गत लाने का प्रयास किया था। पिता से प्राप्त विरासत को अकबर ने और अधिक आगे बढ़ाया। ReadMore…….