इंटरनेट वेब-internet web एवं इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स
इसके लिए यूजर को वेब और इंटरनेट पर मौजूद संसाधनों के बारे में जानकारी होनी चाहिए इसके साथ ही उन्हें प्रभावशाली तरीके से इन संसाधनों का प्रयोग करना, इलेक्ट्रॉनिक संचार, सूचनाओं को खोजना, ई-कॉमर्स वेब यूटिलिटी के बारे में जानकारी होनी चाहिए
इंटरनेट और वेब- इंटरनेट या नेट की शुरुआत 1989 मैं हुई थी जब अमेरिका में एक ऐसे प्रोजेक्ट को फोन किया गया जिसने एक नेशनल कंप्यूटर नेटवर्क विकसित किया जिससे एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नेटवर्क भी कहा जाता है इंटरनेट एक विशाल नेटवर्क है जिसके जरिए पूरे विश्व के छोटे-छोटे नेटवर्क आपस में जुड़े हुए हैं वेब को वर्ल्ड वाइड वेब के नाम से भी जाना जाता है जिसे स्विट्जरलैंड स्थित सेंटर फॉर यूरोपियन न्यू प्लेयर रिसर्च मैं पेश किया था वेब आने से पूर्व इंटरनेट में केवल text मिलता था इसमें इंटरनेट पर मौजूद संसाधनों और मल्टीमीडिया को इंटरफ़ेस मिला इंटरनेट और वेब कि यह शुरुआत आज विकसित होकर 21वीं सदी का सबसे ताकतवर हथियार बन चुका है
इंटरनेट और वेब को लेकर लोग अक्सर भ्रम में पड़ जाते हैं है कि दोनों एक नहीं है इंटरनेट वास्तविक भौतिक नेटवर्क है जिसे तार, केबलो और सैटेलाइट के द्वारा आपस में जोड़ता जबकि वेब इंटरनेट पर मौजूद संसाधन के लिए मल्टीमीडिया इंटरफेथ का कार्य करता है प्रत्येक दिन देश के करोड़ों लोग इंटरनेट और वेब का उपयोग करते हैं वास्तव में वह करते क्या हैं इंटरनेट और वेब के सर्वाधिक प्रचलित उपयोग इस प्रकार है
सर्च– सूचना को खोजना इससे पहले कभी इतना सुविधाजनक नहीं था इंटरनेट पर विश्व की सबसे बड़ी लाइब्रेरी को आप अपने घर के मोबाइल या कंप्यूटर पर पा सकते हैं वर्चुअल लाइब्रेरी के अपार संग्रह से आप आवश्यकता अनुसार विशेष चुन सकते हैं यहां तक की पुस्तकें भी पढ़ सकते हैं के अलावा इस पर आप ताजा खबरें भी पढ़ या सुन सकते हैं
मनोरंजन– मनोरंजन के लिए इंटरनेट का बहुत ज्यादा उपयोग हो रहा है इस पर संगीत, फिल्म, पत्रिका, गेम, आदि होते हैं
इंटरनेट वेब-internet web एवं इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स
शिक्षा या ई लर्निंग– इंटरनेट वेब इस पर तेजी से अपना स्थान बना रहा है इसके द्वारा आप किसी भी विषय पर कक्षा के समान शिक्षा दे सकते हैं या मनोरंजन कोर्स, हाई स्कूल,कॉलेज और ग्रेजुएशन के स्तर के लिए ऑनलाइन मौजूद होते हैं कुछ कोर्स मुक्त भी हैं जबकि कुछ के लिए काफी ज्यादा फीस देनी पड़ती है
एक्सेस– इंटरनेट और टेलीफोन सिस्टम लगभग एक समान है जिस तरह फोन को टेलीफोन सिस्टम से जोड़ते हैं ठीक उसी तरह कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ सकते हैं एक बार इंटरनेट से जुड़ जाने पर आपके कंप्यूटर का दायरा अत्यधिक बढ़ जाता है और एक साधारण कंप्यूटर की तरह प्रतीत होता है जिसकी शाखाएं पूरे विश्व में फैली है नेट कनेक्शन के जरिए आप ब्राउज़र प्रोग्राम की मदद से वेब सर्च कर सकते हैं
इंटरनेट वेब प्रोवाइडर्स– इंटरनेट एक्सेस करने का सर्वाधिक साधारण तरीका है इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स यह प्रोवाइडर्स पहले से इंटरनेट से जुड़े रहते हैं और किसी कंप्यूटर पर इंटरनेट कनेक्शन के लिए एक तरह का मार्ग प्रदान करते हैं आपके महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में मिलने वाली इंटरनेट की सेवा लोकल एरिया नेटवर्क या डायल-अप या टेलीफोन कनेक्शन के द्वारा मुफ्त उपलब्ध हो सकती है कुछ कंपनियां भी मुफ्त इंटरनेट एकसेस की सेवा प्रदान करती है
राष्ट्रीय सर्विस प्रोवाइडर– अमेरिका ऑनलाइन सेवा का उपयोग अत्यधिक प्रचलित है यह सामान्य टेलीफोन कनेक्शन के द्वारा एक्सेस प्रदान करती है जिसे देश के किसी स्थान से इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं लंबी दूरी के टेलीफोन कॉल के चार्ज भी नहीं लगते हैं
वायरसलैस सेवा प्रोवाइडर्स– इसमें टेलीफोन लाइन का उपयोग नहीं होता है बल्कि कंप्यूटर के लिए वायरलेस मॉडेम के द्वारा इंटरनेट कनेक्शन मिलता है इसके लिए बड़े पैमाने पर वायरस उपकरणों को स्थापित किया जाता है
वेब ब्राउज़र– ब्राउज़र ऐसे प्रोग्राम है जिनके जरिए इंटरनेट वेब की सामग्रियों को प्राप्त किया जा सकता है यह सॉफ्टवेयर आपको रिमोट कंप्यूटर से जोड़ता है फाइलों को खोलता और स्थानांतरित करता है तस्वीरें और टेस्ट लिखता है व्हाट इस पर एक टूल का उपयोग करके सुविधाजनक ग्रुप से इंटरनेट और वेब डॉक्यूमेंट से इंटर पर संभव हो पाता है ब्राउज़र की मदद से आप वेब पर बिना अवरोध एक वेबसाइट से दूसरी वेबसाइट पर आवागमन कर सकते हैं सर्वाधिक प्रचलित इंटरनेट वेब ब्राउज़र गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्स एक्सप्लोरर है ब्राउज़र के द्वारा से किसी संसाधन से संपर्क करने के लिए उसकी लोकेशन या पते को टाइप करना होता है इस पते को यूआरएल कहते हैं जिसका उपयोग संसाधन से संपर्क बनाने के लिए होता है वेब प्रोटोकॉल में सर्वाधिक प्रचलित प्रोटोकॉल HTTP है इसका दूसरा भाग है डोमेन नेम इसे टॉप लेवल डोमेन के नाम से भी जाना जाता है यह server का वह नाम होता है जहां संसाधन का स्टोरेज स्थान होता है डोमेन नेम के अंतिम भाग में डॉट के बाद आने वाले बाग को डोमेन कोड कहते हैं जैसे .com,.in.,.org,.gov
इंटरनेट वेबसाइट से ब्राउज़र के कनेक्ट हो जाने पर आपके कंप्यूटर पर एक डॉक्यूमेंट की फाइल पहुंचती है इससे डॉक्यूमेंट में हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज(HTML) के कमांड होते हैं ब्राउज़र एचटीएमएल भाषा को समझकर डॉक्यूमेंट को वेब पेज के रुप में दिखाता है
यह डॉक्यूमेंट नजदीक स्थित किसी कंप्यूटर में भी हो सकते हैं किसी कोने में भी मौजूद हो सकते हैं जिस कंप्यूटर पर वे यह डॉक्यूमेंट स्टोर और शेयर होता है उसे web-server कहते हैं इंटरनेट वेब पेज पर मौजूद टेस्ट और चित्र अंडरलाइन और रंगीन होते हैं सामग्री पर पहुंचने के लिए टेस्ट पर क्लिक करना होता है यह उस कंप्यूटर से संपर्क बना लेता है जिसमें वह सामग्री मौजूद होती है और संबंधित सामग्री डिस्पले स्क्रीन पर उपस्थित हो जाती है
इंटरनेट वेब पेज में APALET नामक प्रोग्राम भी शामिल हो सकते हैं जिनमें जावा नामक लैंग्वेज में लिखा जाता है इन प्रोग्रामों को तेजी से डाउनलोड करके अधिकांश ब्राउज़र पर चलाए जा सकता है वेबसाइट पर एनीमेशन, ग्राफिक्स, गेम्स जैसी क्रियाओं में रोचकता लाने के लिए किया जाता है